नई दिल्ली: केजरीवाल सरकार ने अब विधायकों के वेतन में भारी बढ़ोतरी करने का फैसला लिया है। दिल्ली सरकार के इस निर्णय के तहत अब दिल्ली के विधायक को हर महीने 90 हज़ार रुपये मिलेंगे। इसमें वेतन के साथ-साथ भत्ता भी शामिल रहेगा। मंगलवार को इस प्रस्ताव को दिल्ली सरकार द्वारा स्वीकृति दे दी गई है। दिल्ली कैबिनेट के अनुसार विधायकों को हर महीने 30 हज़ार रुपए वेतन दिया जाएगा जबकि पहले उन्हें 12 हज़ार रुपए ही दिए जाते थे। इसके अतिरिक्त भत्ता मिलाकर यह 54 हजार थी जो कि अब 90 हज़ार रुपये हो गई है।
सूत्रों की माने तो दिल्ली सरकार ने साल 2015 में विधायकों का वेतन बढ़ाए जाने का प्रस्ताव दिल्ली विधानसभा में पारित करवाया था। इसके बाद इसे केंद्र सरकार के पास भेजा था। लेकिन केंद्र सरकार ने इस प्रस्ताव खारिज कर दिया था। हालांकि उस समय केंद्र ने विधायकों के वेतन और भत्ता को लेकर कुछ सुझाव दिए थे जिसके आधार पर अब उस प्रस्ताव को दिल्ली कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। बता दें कि पिछले 10 सालों से दिल्ली के विधायकों की सैलरी नहीं बढ़ाई गई थी। हालांकि अब भी दिल्ली कैबिनेट में मंजूरी मिलने के बाद इसका केंद्र सरकार द्वारा पारित किया जाना बाकी है। अगर केंद्र सरकार इसपर मुहर लगा देती है तो दिल्ली सरकार दोबारा इस बिल को विधानसभा में पेश करेगी।
नए वेतन के ढांचे के मुताबिक विधायकों का बेसिक वेतन 30 हज़ार, चुनाव क्षेत्र भत्ता 25 हज़ार, सचिवालय भत्ता 15 हज़ार, वाहन भत्ता 10 हज़ार और टेलीफोन भत्ता 10 हज़ार होगा। जिसे मिलाकर विधायकों को कुल 90 हज़ार वेतन दिया जाएगा। दिल्ली सरकार के इस फैसले को लेकर सूत्रों का कहना है कि दिल्ली उन राज्यों में से एक है जहां विधायकों को सबसे कम वेतन और भत्ता मिलता है। जबकि कई भाजपा, कांग्रेस और क्षेत्रीय दल द्वारा शासित राज्य अपने विधायकों को ज़्यादा सैलरी देते हैं। ऐसा तब है जब भारत के अधिकांश राज्यों की तुलना में दिल्ली में रहने का खर्च बहुत ज़्यादा है।
गौरतलब है कि कई राज्य ऐसे हैं जो अपने विधायकों को दूसरी सुविधाएं भी मुहैया कराते हैं और यह सुविधाएं दिल्ली सरकार नहीं देती। जैसे की घर का किराया भत्ता, कार्यालय किराया भत्ता, कर्मचारियों का खर्च कार्यालय उपकरणों को खरीदने का भत्ता, वाहन, चालक भत्ता आदि। इन सब को लेकर उत्तराखंड में विधायकों को 1.98 लाख, हिमाचल प्रदेश में 1.90 लाख, हरियाणा में 1.55 लाख, बिहार में 1.30 लाख, राजस्थान में 1,42,500, आंध्र प्रदेश में 1.25 लाख, तेलंगाना में 2.50 लाख, गुजरात में 1.05 लाख और उत्तर प्रदेश में 95 हज़ार रुपये विधायकों को वेतन स्वरूप दिए जाते हैं।