नई दिल्ली: कोरोनावायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन का असर नई साल की शुरूवात में दिखना शुरू हो जाएगा। जनवरी 2022 के अंतिम सप्ताह की शुरुआत में इस वैरिएंट से संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या पीक पर होगी। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर में कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग में प्रोफेसर और डिप्टी डायरेक्टर ने यह दावा किया है।
ओमिक्रॉन वैरिएंट के तेजी फैलने के लक्षण हैं, लेकिन ज्यादा घातक नहीं है। हालांकि, इसके फैलने के लक्षण ज्यादा हैं और अभी तक साउथ अफ्रीका से लेकर दुनिया भर में जहां भी यह फैला है, इसके लक्षण हल्के देखे गए हैं। आईआईटी प्रोफेसर की रिसर्च के अनुसार, अगर इसकी लहर आती है तो इसका असर दूसरी लहर के डेल्टा वैरिएंट जैसा नहीं होगा। प्रो. अग्रवाल ने पहली और दूसरी लहर में अपनी रिसर्च जारी की थी, तब भी उनकी गणना सही साबित हुई थी।
बता दें कि दक्षिण अफ्रीका से निकला यह वैरिएंट दुनिया के लगभग 30 देशों तक पहुंच गया है। वहीं, भारत के कर्नाटक, गुजरात, महाराष्ट्र में भी इस वैरिएंट के 4 मामले मिल चुके हैं। लेकिन, इन मरीजों में हल्के लक्षण देखे गए हैं जिनका सही तरीके से इलाज किया जा रहा है।