पहले बिहार, फिर दिल्ली और अब झारखण्ड में सत्तारूढ़ दल के नेताओं को विधयाकों की खरीद फरोख्त का डर सता रहा है। खबर है कि सत्तारूढ़ गठबंधन की पार्टी झारखण्ड मुक्ति मोर्चा (Jharkhand Mukti Morcha)और कांग्रेस (Congress) के विधायकों को एकजुट रखने के लिए उन्हें छत्तीसगढ़ रवाना किया जा रहा है। इसी माह पहले बिहार में नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की पार्टी जदयू के विधायकों को खरीदने के प्रयास का आरोप लगा था जिसके बाद, नीतीश ने भाजपा से नाता तोड़ कर तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के साथ महागठबंधन की नै सरकार बनाई थी।
बीते सप्ताह दिल्ली की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के नेता और मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने भाजपा पर बड़ा आरोप लगाते हुए सनसनी फैला दी थी कि भाजपा द्वारा उनके 8 विधयाकों को संपर्क किया गया था साथ ही उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी कहा कि उनके पास भी भाजपा का सन्देश आया था कि उनके खिलाफ ED और CBI के सभी केस बंद कर दिए जाएंगे साथ ही उन्हें मुख्यमंत्री पद का भी ऑफर दिया गया था। लेकिन आप का एक भी विधायक नहीं टूटा और केजरीवाल की सरकार बच गई।
झारखंड में सियासी उठापटक के बीचआज मुखयमंती आवास में महागठबंधन के विधायकों की बैठक खत्म हो गई है। जिसके बाद 3 लग्ज़री बसों से सभी विधायकों को सीएम हाउस से कहीं और शिफ्ट किया जा रहा है। इन बसों में कांग्रेस और सोरेन की पार्टी झामुमो के विधायक सवार हैं। तीनों बसों को कड़ी पुलिस सुरक्षा में ले जाया जा रहा है साथ साथ पीछे से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का काफिला भी चल रहा है। सूत्रों के मुताबिक़ कांग्रेस अपने विधायकों को यहां से छत्तीसगढ़ शिफ्ट कर सकती है। इस बीच सीएम हाउस की सुरक्षा भी दोगुनी कर दी गई है।
आज महागठबंधन के विधायकों की बैठक में विधायक पहले ही अपना अपना बैग लेकर पहुंचे थे। विधायकों ने बताया कि उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई है। जैसा कहा जायेगा वे लोग वैसा ही करेंगे। हेमंत सोरेन के छोटे भाई और दुमका विधायक बसंत सोरेन भी मीटिंग में पहुंचे थे और उन्हीं के नेतृत्व में विधायक शिफ्ट हो रहे हैं।
इधर, CM हेमंत सोरेन की विधायकी रद्द करने का नोटिफिकेशन आज किसी भी समय चुनाव आयोग की तरफ से जारी किया जा सकता है। झारखण्ड के राज्यपाल रमेश बैस ने CM हेमंत सोरेन की विधायकी रद्द करने का आदेश जारी कर दिया है। चुनाव आयोग (EC) की ओर से भेजी गई अनुशंसा पर राजयपाल ने ये कार्रवाई की है।
झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रविन्द्रनाथ महतो को भी निर्वाचन आयोग की अधिसूचना से अवगत कराया जा सकता है। चुनाव आयोग के नोटिफिकेशन के बाद, हेमंत सोरेन इस्तीफा दे सकते हैं। सोरेन के इस्तीफे के बाद राज्यपाल सबसे बड़े दल को सरकार बनाने का न्यौता देंगे। संख्या बल के अनुसार फिलहाल JMM अभी झारखंड विधानसभा में सबसे बड़ा दल है, इसलिए नियमानुसार गवर्नर की ओर से सरकार बनाने का पहला मौका JMM को ही मिलेगा। ऐसे में JMM और कांग्रेस पार्टी के सामने सभी विधायकों को एकजुट रखना सबसे बड़ी चुनौती होगी।
ज्ञात हो किबीते साल भी झारखंड की सरकार को गिराने की साज़िश का पर्दाफ़ाश हुआ था। इसके बाद 30 जुलाई 2022 को इस मामले में कांग्रेस के 3 विधायकों को कोलकत्ता से बड़ी रक़म के साथ गिरफ्तार किया गया था।
गिरफ्तार विधायकों के खिलाफ कांग्रेस के ही एक अन्य विधायक अनूप सिंह ने थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई और यह भी कहा है कि तीनों विधायकों ने उनसे संपर्क कर 10 करोड़ रुपए और मंत्री पद का ऑफर दिया था और झारखंड सरकार को गिराने के लिए कहा था।
इधर, BJP का दावा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ केस दर्ज करने की भी तैयारी है। BJP का कहना है कि अगर उनकी विधायकी जाती है तो उनके ऊपर केस दर्ज करने पर भी फैसला हो सकता है।