जाने माने चुनावी रणनीतिकार (Political Strategist) प्रशांत किशोर (Prashant Kishore) और बिहार के मुख्य मंत्री (Chief Minister) नितीश कुमार (Nitish Kumar) के बीच दिल्ली में हुई एक हालिया मुलाक़ात ने बिहार की राजनीती को एक बार फिर गरमा दिया है।
शुक्रवार को दिल्ली में दोनों के बीच लम्बी मुलाक़ात हुई, जिसको आज नितीश कुमार (Nitish Kumar) ने भी हँसते हुए स्वीकारा। हालांकि की नितीश ने इस मुलाक़ात को राजनितिक चश्मे से न देखने की भी बात कही और इसको निजी मुलाक़ात बताया।नीतीश ने कहा कि प्रशांत किशोर से मेरा आज का नहीं, बल्कि बहुत पुराना रिश्ता है।
दूसरी तरफ प्रशांत किशोर ने भी इस मुलाकात को शिष्टाचार के तहत बताया। प्रशांत ने कहा -जब नीतीश कुमार को पिछले महीने कोरोना हुआ था, तब उनसे हाल-चाल लेने के लिए बातचीत हुई थी, शुक्रवार को उनसे मिलकर स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लिया।
प्रशांत ने ये भी कहा कि इस मुलाकात के लिए मुख्य मंत्री जी ने इच्छा प्रकट की थी राजनीति से इसका कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन जैसे ही दोनों के बीच की इस मुलाकात का खुलासा हुआ बिहार में राजनितिक हलचल तेज़ हो गयी। साथ ही मुलाक़ात सार्वजनिक करके खुद नितीश कुमार ने एक तरह से साफ कर दिया है कि वो फिलहाल भाजपा की तरफ से हर मुद्दे पर आक्रामक रवैये ही दिखाएंगे।
हालांकि जदयू (JDU) के नेताओं का मानना है की प्रशांत किशोर के लिए जनता दल यूनाइटेड (Janata Dal-United) में फिलहाल कोई जगह नहीं है, लेकिन बिहार में बीते विधानसभा चुनाव में पहले के तुलना कम सीटें जीतने के बाद पार्टी ने उनकी कमी महसूस अवश्य की थी।
JDU नेता मानते हैं की अगर प्रशांत किशोर साथ होते तो शायद तीसरे नम्बर की पार्टी जदयू नहीं होती। प्रशांत किशोर ने हाल ही में दिए कई इंटरव्यू में इस बात को माना भी है कि अगर कोई एक राजनेता, जिनके साथ वो एक बार फिर काम करना चाहेंगे तो उनमें नीतीश कुमार उनकी पहली पसंद होंगे।
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