पटना: लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक और अपने पिता रामविलास पासवान की पहली बरसी पर चिराग पासवान आयोजन करने की तैयारियों में जुटे हैं। 12 सितंबर को रामविलास पासवान की पहली बरसी है और इस संबंध में चिराग पासवान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, नीतीश कुमार और अपने चाचा पशुपति पारस और लालू प्रसाद यादव जैसे कई शीर्ष नेताओं को आमंत्रण भेजा है। चिराग पासवान ने मंगलवार को इस बारे में जानकारी दी है।
लोजपा में आई दरार के बाद पशुपति पारस और चिराग पासवान में विवाद जारी है और इस बीच रामविलास पासवान की बरसी पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम को राजनीतिक तौर पर काफी अहम माना जा रहा है। बता दें कि चिराग पासवान ने अपने चाचा पशुपति पारस के दिल्ली स्थित आवास पर जाकर उन्हें भी न्यौता दिया है। चिराग ने बताया कि उन्होंने इस कार्यक्रम के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद सुप्रीमो लालू यादव को भी निमंत्रण दिया है। हालांकि नीतीश कुमार और चिराग पासवान के बीच भारी विवाद चल रहा है। मालूम हो कि चिराग पासवान शुरू से ही नीतीश कुमार को अपनी पार्टी लोजपा में आई दरार का जिम्मेदार ठहराते आ रहे हैं।
वहीं दूसरी तरफ सूत्रों की माने तो शहरी विकास मंत्रालय ने रामविलास पासवान के निधन के बाद उनके आवास को खाली करने के लिए नोटिस जारी किया था लेकिन चिराग पासवान ने इस संबंध में कई वरिष्ठ अधिकारियों से बात की जिसके बाद उनके परिवार को फिलहाल उस आवास में रहने की अनुमति दे दी गई। अब क्योंकि चिराग पासवान ने रामविलास पासवान की बरसी पर कार्यक्रम का आयोजन किया है तो ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि पशुपति पारस भी अपने भाई रामविलास पासवान की बरसी पर कार्यक्रम का आयोजन कर सकते हैं और वे भी इस कार्यक्रम में शीर्ष नेताओं को आमंत्रित कर सकते हैं। बता दें कि पिछले साल 8 अक्टूबर को रामविलास पासवान का निधन हुआ था और पारंपरिक पंचांग के आधार पर चिराग 12 सितंबर को अपने पिता की बरसी के कार्यक्रम का आयोजन कर रहे हैं। जानकारी हो कि लोजपा के 6 में से 5 सांसद पारस गुट में शामिल हो गए थे और इसी के मद्देनजर मोदी सरकार ने अपने कैबिनेट में पशुपति पारस को जगह दी।
बीते दिनों चिराग पासवान ने कहा था कि तीन दशक से ज़्यादा समय तक उनके पिता रामविलास पासवान की प्रतिमा आवास पर लगी रही, जो कि पार्टी का उनके लिए प्रेम का प्रतीक है। वहीं चिराग पासवान ने सरकारी आवास को अपने काबू में रखने की खबरों को सिरे से नकार दिया। उन्होंने कहा कि एक सांसद होने के नाते मैं ऐसा कोई काम नहीं करूंगा जिसे अतिक्रमण समझा जाए या फिर कानून का उल्लंघन हो। चिराग ने कहा कि सरकारी नियमों के अनुसार किसी भी सरकारी आवास को संग्रहालय में बदलने की इजाज़त नहीं है। रामविलास पासवान की प्रतिमा को लेकर उन्होंने कहा कि यह पार्टी का उनके लिए प्यार है जिसे किसी वैकल्पिक स्थान पर स्थानांतरित करने की व्यवस्था की जाएगी।