पटना: बिहार में आज उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ ही सूर्योपासना का महापर्व कार्तिक छठ समाप्त हो गया। राजधानी पटना में आज गंगा नदी के अलावा राज्य के अन्य हिस्सों में लाखों महिला और पुरुष व्रतधारियों ने उगते हुए सूर्य को नदियों और तालाबों में खड़े होकर अर्घ्य अर्पित किया। बिहार के राज्यपाल फागू चौहान, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, समेत कई मंत्रियों एवं नेताओं ने लोगों को छठ की शुभकामनाएं दी हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री कुमार ने यहां एक अणे मार्ग स्थित अपने आवास पर लोक आस्था का महापर्व छठ के अंतिम दिन सादगी एवं श्रद्धा के साथ उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित किया तथा ईश्वर से राज्य एवं देशवासियों की सुख, शांति एवं समृद्धि के लिये प्रार्थना की।
औरंगाबाद जिले के ऐतिहासिक और पौराणिक स्थल देव में आज उदयाचल सूर्य को पांच लाख से अधिक व्रतधारियों – श्रद्धालुओं द्वारा अर्ध्य अर्पित किए जाने के साथ ही चार दिवसीय छठ महापर्व संपन्न हो गया । देव के त्रेतायुगीन सूर्य मंदिर में आज तड़के से ही श्रद्धालु कतारबद्ध होकर भगवान भास्कर की पूजा अर्चना कर रहे हैं। देव आने वाले श्रद्धालुओं के लिए जिला प्रशासन की ओर से कोविड टीकाकरण की विशेष व्यवस्था की गई है। जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल ने बताया कि श्रद्धालुओं और व्रतधारियों के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए गए थे। लोक मान्यता है कि देव छठ व्रत करने तथा त्रेतायुगीन सूर्य मंदिर में पूजा अर्चना करने से श्रद्धालुओं की मनोवांछित कामनाएं पूरी होती हैं और इस मौके पर यहां भगवान भास्कर की साक्षात उपस्थिति की रोमांचक अनुभूति होती है।
गया से प्राप्त समाचार के अनुसार छठ पूजा के अंतिम दिन उदयीमान सूर्य को अर्घ देने को लेकर श्रद्धालुओं का फल्गु नदी में जनसैलाब उमड़ पड़ा। अहले सुबह से ही श्रद्धालु छठ माता की गीतों को गाते हुए फल्गु नदी के विभिन्न घाटों पर पहुंचे, जहां उन्होंने उदयीमान सूर्य को अर्घ्य दिया और अपने परिवार की सुख, समृद्धि की कामना की दूसरा अर्घ्य अर्पित करने के बाद श्रद्धालुओं का 36 घंटे का निराहार व्रत समाप्त हुआ और उसके बाद हीं व्रतधारियों ने अन्न ग्रहण किया । चार दिवसीय इस महापर्व के तीसरे दिन कल व्रतधारियों ने नदियों और तालाबों में अस्ताचलगामी सूर्य को प्रथम अर्घ्य अर्पित किया था ।