नई दिल्ली: लंबे समय से चल रही अटकलों के बीच आज केंद्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार होने वाला है। ऐसे में केंद्र नए मंत्रालय की घोषणा भी कर सकती है। जानकारी के अनुसार मिनिस्ट्री ऑफ को-ऑपरेशन यानी सहयोग मंत्रालय नामक एक नया मंत्रालय बनाया जाएगा। माना जा रहा है कि सरकार ने इस नए मंत्रालय के माध्यम से सहकार से समृद्धि तक का लक्ष्य निर्धारित किया है।
मिनिस्ट्री ऑफ को-ऑपरेशन का काम एक अलग एडमिनिस्ट्रेटिव, लीगल और पॉलिसी फ्रेमवर्क मुहैया कराना होगा जो कि देश में को-ऑपरेटिव संबंधित कामों में सहायक होगी। इसके साथ ही व्यापार सुगमता (Ease of doing business) के लिए भी ये मंत्रालय आवश्यक सहयोग का प्रबन्धन करेगा। सूत्रों की माने तो ज़मीन से जुड़े लोगों तक मदद पहुंचाना इस नए मंत्रालय का मुख्य काम होगा। ऐसे में सहकारी आधारित आर्थिक विकास मॉडल (Cooperative Based Economic Development Model) काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस मॉडल से जुड़ा हर सदस्य पूरी ज़िम्मेदारी के साथ काम करता है। गौरतलब है कि सहयोग मंत्रालय (Ministry of Co-operation) व्यापार सुगमता की प्रक्रियाओं में सरलता लाएगा और साथ ही मल्टी-स्टेट को-ऑपरेटिव्ज को और अधिक बेहतर तरीके से विकसित करने के लिए काम करेगा। केंद्र सरकार द्वारा समुदाय आधारित विकासात्मक भागीदारी पर अधिक प्रतिबद्धता के संकेत भी दिए गए है। मालूम हो कि सहकारिता के लिए बनने वाला ये अलग मंत्रालय वित्त मंत्री द्वारा की गई बजट घोषणा को भी पूरा करता है।
बता दें की 7 जुलाई को शाम 6 बजे केंद्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाना है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार मंत्रिमंडल में कई नए चेहरों को जगह दी जा सकती है। इस लिस्ट में लोजपा नेता पशुपति कुमार पारस, असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और राज्यसभा सांसद और कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम शामिल है। वहीं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को भी कैबिनेट में जगह मिलने की आशंका है। दूसरी तरफ बिहार में जदयू दो कैबिनेट बर्थ और एक राज्य मंत्री की मांग भी कर रही है। गौरतलब है कि कैबिनेट में विस्तार के एक दिन पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 8 राज्यों के राज्यपाल भी बदले हैं। इन राज्यों में झारखंड, मध्यप्रदेश, गोवा, त्रिपुरा, मिज़ोरम आदि शामिल हैं।