नई दिल्ली: केंद्र द्वारा लगाये गए आईटी नियमों जिसमें मेसेज के ओरिजिन को ट्रेस करने की ज़रूरत होगी व्हाट्सएप ने इसके खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। व्हाट्सएप ने बयान जारी करते हुए कहा-‘मैसेजिंग ऐप्स के चैट को ट्रेस करने के लिए कहना व्हाट्सएप पर भेजे गए हर मैसेज का फिंगर प्रिंट रखने के बराबर है और ये एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन को तोड़ देगा। इसके साथ ही के लोगों की प्राइवेसी को कमज़ोर कर देगा।’
व्हाट्सएप के प्रवक्ता ने कहा कि वे लगातार दुनिया भर के नागरिक समाज और विशेषज्ञों के साथ उन आवश्यकताओं का विरोध कर रहे हैं जो हमारे उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता का उल्लंघन करेंगे। इस बीच, वह लोगों को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से व्यावहारिक समाधानों पर भारत सरकार के साथ भी जुड़े रहेंगे, जिसमें हमारे पास उपलब्ध जानकारी के लिए वैध कानूनी अनुरोधों का जवाब देना भी शामिल है। 25 फरवरी को केंद्र ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 87 (2) के तहत शक्तियों के प्रयोग में और पहले की सूचना प्रौद्योगिकी के अधिक्रमण में सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम 2021 तैयार किया था और कहा था कि नियम 2021 26 मई से लागू किये जाएंगे। भारत सरकार द्वारा जारी किए गए नए दिशानिर्देशों में देश में ओवर द टॉप (ओटीटी) और डिजिटल पोर्टलों के लिए एक शिकायत निवारण प्रणाली अनिवार्य कर दी गई है।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने 25 फरवरी को नए नियमों के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए कहा था कि सरकार आलोचना और असहमति के अधिकार का स्वागत करती है, लेकिन सोशल मीडिया के उपयोगकर्ताओं के लिए सोशल मीडिया के दुरुपयोग के खिलाफ अपनी शिकायत करने के लिए एक मंच होना बहुत जरूरी है। नए नियमों के तहत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के पास शिकायत निवारण तंत्र होना ज़रुरी है, उन्हें एक शिकायत अधिकारी का भी नाम लेना होगा जो 24 घंटे के भीतर शिकायत दर्ज करेगा और 15 दिनों में निवारण करेगा। वहीं सरकार ने के भी कहा था कि यदि उपयोगकर्ताओं, विशेष रूप से महिलाओं की गरिमा के खिलाफ शिकायतें हैं जैसे व्यक्तियों के निजी अंगों या नग्नता या यौन कृत्य या प्रतिरूपण आदि के बारे में तो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को शिकायत करने के 24 घंटे के भीतर इसे हटाने की आवश्यकता होगी।
दिशानिर्देशों के अनुसार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को भारत में रहने वाले एक मुख्य अनुपालन अधिकारी को अधिनियम और नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होना होगा। दूसरा एक नोडल संपर्क व्यक्ति है जिसे कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ 24X7 समन्वय के लिए भारत में रहना चाहिए। इसके साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को एक निवासी शिकायत अधिकारी नियुक्त करना होगा जो संकेत के अनुसार शिकायत निवारण तंत्र का पालन करेगा। उन्हें प्राप्त शिकायतों की संख्या और निवारण की स्थिति के बारे में मासिक रिपोर्ट भी प्रकाशित करनी होगी।