कुन्नूर: जनरल बिपिन रावत भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) थे। उन्होंने ने 1 जनवरी 2020 को रक्षा प्रमुख के पद का भार ग्रहण किया। इससे पूर्व वे भारतीय थलसेना के प्रमुख थे। बिपिन रावत 31 दिसंबर 2016 से 31 दिसंबर 2019 तक थल सेनाध्यक्ष के पद पर रहे।
विमान दुर्घटना में मृत्यु
चीफ़ ऑफ़ डिफ़ेंस स्टाफ़ जेनरल विपिन रावत का हेलिकॉप्टर कल दोपहर तमिल नाडू के कुन्नूर में क्रैश हो गया, इस हेलिकोपटर में विपिन रावत के इलावा उनकी पत्नी मधुलिका और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ 14 लोग मौजूद थे। बिपिन रावत का बुधवार को तमिलनाडु के कुन्नूर में विमान हादसे में निधन हो गया। जेनरल विपिन रावत एक लेक्चर के लिए कुन्नूर जा रहे थे। सुलूर स्थित आर्मी बेस से उड़ान भरने के तुरंत बाद ही यह रावत का Mi-17V-5 हेलिकॉप्टर, तमिलनाडु के कुन्नूर स्थित नीलगिरी में क्रैश हो गया। यह हेलीकाप्टर सेना का सबसे सुरक्षित हेलीकाप्टर माना जाता है।
जीवन
जनरल बिपिन रावत का जन्म उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में राजपूत परिवार मे हुआ था। रावत एक मिल्ट्री टाईटल है जो विभिन्न राजपूत शासको को दिए गए थे। इनके पिता लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह जी रावत, जो सेना से लेफ्टिनेंट जनरल के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। रावत ने 1978 में ग्यारहवीं गोरखा राइफल की पांचवी बटालियन से अपने करियर की शुरुआत की थी।
चीफ़ ऑफ़ डिफ़ेंस स्टाफ़ रावत ने देहरादून में कैंबरीन हॉल स्कूल, शिमला में सेंट एडवर्ड स्कूल और भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून से शिक्षा ली थी। उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से डिफेंस स्टडीज में एमफिल और कम्प्यूटर स्टडीज में डिप्लोमा किया है। उन्हें 2011 में सैन्य-मीडिया सामरिक अध्ययनों पर अनुसंधान के लिए चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ द्वारा डॉक्टरेट ऑफ़ फिलॉसफी से सम्मानित किया गया।
शिक्षा
बिपिन रावत ने भारतीय सैन्य अकादमी से स्नातक उपाधि प्राप्त की है। रावत को देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से रक्षा एवं प्रबन्ध अध्ययन में एम फिल की डिग्री प्राप्त हुई थी। मद्रास विश्वविद्यालय से स्ट्रैटेजिक और डिफेंस स्टडीज में भी एम फिल की। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से 2011 में सैन्य मीडिया अध्ययन में पीएचडी की।