चंडीगढ़: पंजाब कांग्रेस में लंबे समय कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच का विवाद नवजोत सिंह सिद्धू की ताजपोशी के साथ समाप्त हो ही गया। हाल ही में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक इंटरव्यू में कहा कि पार्टी अपना काम करेगी और हम अपना काम करेंगे। बता दें कि कैप्टन और सिद्धू के बीच चल रहे लंबे विवाद के बीच कांग्रेस आलाकमान ने नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिया। सिद्धू को अध्यक्ष नियुक्त किए जाने के बाद एक इंटरव्यू के दौरान कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि अब पार्टी में कोई विवाद नहीं है। हम दोनों साथ मिलकर काम करेंगे।
इंटरव्यू के दौरान जब कैप्टन अमरिंदर सिंह से सवाल किया गया कि पंजाब का असली कैप्टन कौन है तो कैप्टन अमरिंदर ने कहा की मुझे लगता है कि कोई कन्फ्यूजन है। उन्होंने आगे बताया कि सुनील जाखड़ पिछले चार साल से प्रदेश अध्यक्ष हैं और इस बीच उनके और मेरे बीच कभी कोई विवाद नहीं रहा। अब नए अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद इस तरह की बात क्यों सामने आ रही है। इस तरह की बातें बिल्कुल नहीं होनी चाहिए क्योंकि हम साथ मिलकर काम कर रहे हैं। कैप्टन अमरिंदर ने आगे कहा कि जब मैं पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बना था तो उस समय अकाली दल की सरकार थी। मैं 3 बार अध्यक्ष बना और तीनों बार हम विपक्ष में थे। इस बार तो सरकार भी उनकी है और पार्टी भी उनकी ही है। चुनाव आने वाले हैं इसलिए हमें मिलकर काम करना चाहिए। पंजाब की सियासत को लेकर कैप्टन ने कहा हमें मिलकर काम करना है और यही एक तरीका है। हमारी पार्टी की स्थिति अभी काफी बेहतर है और अब विधानसभा चुनाव में कुछ ही महीने बाकी हैं। पार्टी अपना कार्य करेगी और हम अपना काम करेंगे। हमारा काम पार्टी से अलग है, क्योंकि हमारा काम जनता की परेशानियों का समाधान करना है और पार्टी का काम राजनीतिक रूप से पार्टी को आगे बढ़ाना है। पंजाब में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि पंजाब के विकास के लिए बहुत काम हुआ है और बहुत काम करना है। हमारे द्वारा बनाए गए मेनिफेस्टो के हिसाब से 93 प्रतिशत हो चुका हैं और अब 94 प्रतिशत से ऊपर चले जाएंगे। बाकी 5 फीसदी तो जीएसटी की वजह से रहते हैं। क्योंकि जब मेनिफेस्टो बनी थी तब जीएसटी नहीं थी। हमने अपने चुनावी वादे पूरे किए हैं।
बता दें कि इससे पहले बुधवार को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू ने चंडीगढ़ स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय में मुलाकात की थी। नवजोत सिंह सिद्धू के प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बाद दोनों नेताओं की ये पहली आधिकारिक मुलाकात थी।