चंडीगढ़़: पंजाब कांग्रेस में अंदरूनी कलह के बीच मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को सोनिया गांधी से दिल्ली आकर मुलाकात की। कैप्टन अमरिंदर सिंह और सोनिया गांधी ने डेढ़ घंटे तक बात की। बातचीत के बाद कैप्टन अमरिंदर जब बाहर आए तो उन्होंने मीडिया से भी ज़्यादा बात नहीं की। अनुमान लगाया जा रहा है कि सोनिया गांधी से हुई मुलाकात से कैप्टन अमरिंदर सिंह काफी संतुष्ट है। वहीं दूसरी तरफ ये भी कहा जा रहा है कि कैप्टन अमरिंदर काफी आक्रामक तेवर लेकर सोनिया गांधी से मिलने पहुंचे थे और अपना इस्तीफा भी लेकर गए थे।
सोनिया गांधी से हुई मुलाकात के बाद कैप्टन अमरिंदर को यह सांत्वना दी गई है कि आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी उनके साथ खड़ी होगी। सूत्रों की माने तो कैप्टन अमरिंदर मंत्रिमंडल में बदलाव करना चाहते हैं और सोनिया गांधी से मिलते समय वह मंत्रिमंडल में बदलाव करने को लेकर एक सूची भी अपने साथ लेकर गए थे। जानकारी के मुताबिक कैप्टन अमरिंदर सिंह माझा क्षेत्र के कुछ मंत्रियों को निकालने की तैयारी में हैं। दरअसल कांग्रेस के सबसे अधिक मंत्री माझा से ही हैं। जिनमें अरुणा चौधरी, सुखजिंदर सिंह रंधावा, सुखविंदर सिंह सरकारिया, तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा और ओपी सोनी के नाम शामिल हैं। इन पांचों मंत्रियों का संबन्ध अमृतसर और गुरदासपुर से है और एक समय ऐसा भी था जब ये मंत्रीगण कैप्टन अमरिंदर के खास और करीब रहे। लेकिन अब यही मंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के विरोध में उतर आएं हैं। माझा कोटे से मंत्रिमंडल में नवजोत सिंह सिद्धू को भी शामिल किया गया था लेकिन उन्होंने इस्तीफा दे दिया जिसके बाद से ये पद रिक्त है।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह जब सोनिया गांधी से मिलने उनके आवास पर पहुंचे तो उनके साथ अमृतसर के दलित नेता और विधायक डॉ. राजकुमार वेरका भी थे जिन्होंने मीडिया से बात करते हुए ये संकेत दिए हैं कि कैबिनेट में बड़ा बदलाव हो सकता है। हालांकि मुलाकात के बाद कैप्टन अमरिंदर ने इस संदर्भ में कोई बात नहीं की। मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री अमरिंदर ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी जो भी निर्णय लेंगी उन्हें वो स्वीकार होगा। कहा जा रहा है कि जिस तरह सीएम अमरिंदर अपने साथ कांग्रेस के हिन्दू नेताओं को लेकर पहुंचे थे इससे यही उम्मीद है कि वह किसी भी हाल में नवजोत सिंह सिद्धू को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनने देंगे।