नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए सोमवार को दो बड़ी घोषणाएं की। जिसके अनुसार राज्यों को मुफ्त वैक्सीन दी जाएगी और दूसरा ये कि ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना’ के तहत दीपावली तक देश के 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिया जाएगा। इन दो घोषणाओं को अगले साल 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों का ट्रंप कार्ड माना जा रहा है। साल 2022 की शुरुआत में ही उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
देश के 5 राज्यों में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर भाजपा ने अपनी रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा में अगले साल चुनाव होने है और इनमें से पंजाब को छोड़कर बाकी चारों राज्यों में फिलहाल बीजेपी का ही शासन है। ऐसे में भाजपा अपनी सत्ता को बनाए रखने की रणनीति तैयार कर रही है। क्योंकि भाजपा यह जानती है कि उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश ऐसे राज्य है जहां दो दशकों से हर 5 वर्ष में सत्ता बदल जाती है। वर्तमान में दोनों ही राज्यों में कोरोना महामारी से निपट पाने में विफल रहने के कारण जनता सरकार से संतुष्ट नहीं है। किसान आंदोलन की वजह से पंजाब भी भाजपा से मुंह फेरकर बैठा है। इस बीच भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 5 और 6 जून को अपने आवास पर राष्ट्रीय महासचिवों के साथ मीटिंग बुलाई थी। इस बैठक में इन पांच राज्यों में जीत हासिल करने को लेकर चर्चा हुई।
बता दें कि विपक्ष काफी समय से देश में मुफ्त वैक्सीनेशन की मांग कर रहा था। ऐसे में प्रधानमंत्री ने अब स्वयं यह घोषणा की है कि अब राज्यों को सरकार मुफ्त वैक्सीन देगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि वैक्सीनेशन की ज़िम्मेदारी केंद्र की ही ठीक थी क्योंकि कई राज्य ऐसे है जो टीकाकरण नहीं कर सकते। राज्यों की मांग और जनता की समस्या को समझते हुए उन्होंने निर्णय लिया है कि अब केंद्र मुफ्त वैक्सीन देगा। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि गरीब हो या निम्न मध्यवर्ग, मध्यवर्ग हो या उच्च वर्ग अब सभी को केंद्र सरकार की ओर से मुफ्त टीका लगाया जाएगा। इसके साथ ही देशभर में केंद्र द्वारा टीकाकरण कराए जाने का पूरा श्रेय भाजपा को मिलना चाहिए।
बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से दिसंबर तक देश की संपूर्ण वयस्क जनसंख्या का वैक्सीनेशन हो जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। हालांकि 18 वर्ष से कम उम्र के वैक्सीनेशन को लेकर अभी देश की 7 अलग-अलग कंपनियां ट्रायल कर रहीं है। अनुमान यह भी है कि जिन राज्यों में अगले साल चुनाव होने है वहां वैक्सीनेशन अभियान तेज़ी से चलेगा।