राज्यसभा (Upper House Rajya Sabha) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) का जलवा अब ख़त्म हो सकता है और पार्टी के लिए आने वाला समय कठिनाईयों भरा हो सकता है। पार्टी के लिए अब राज्यसभा में किसी बिल को पास करवाना बेहद मुश्किल होने वाला है। अगले कुछ महीने में राज्यसभा के 70 सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो रहा है, लेकिन इनमे से कुछ के वापस सदन में लौटने की संभावना नहीं है ऐसे में भाजपा की सीटें ज़्यादा कम होती दिख रही हैं।
जिन राज्यों में राज्यसभा की सीटें खाली होंगी उनमे तमिल नाडु से 6, पंजाब और बिहार से 5-5 सीटें, कर्नाटक-राजस्थान से 4-4 सीटें उल्लेखनीय हैं।
वर्तमान में राज्यसभा की कुल 245 सीटों में से सभा BJP गठबंधन के पास 114 सीटें हैं, इसमें से BJP की 97, नितीश कुमार की जदयू (JDU) की 5, AIDMK के पास 5, निर्दलीय -1 और अन्य छोटे दलों की 6 सीटें हैं, लेकिन अगले माह से राज्य सभा सदस्यों की टैली में बदलाव की शुरुआत होगी। अप्रैल से अगस्त के बीच 20 राज्यों की 70 राज्यसभा सीटें ख़ाली होंगी, जिन पर इसी दौरान चुनाव होगा।
राज्य सभा में भाजपा गठबंधन कम होकर 107 पर आ जाएगी
BJP और उसके सहयोगी दलों के 7 सीटें सीधे तौर पर कम हो जाएँगी जिनमे भाजपा की 5, AIADMK की 1 और निर्दलीय की 1 सीट कम होगी जिसके बाद सत्तारूढ़ दल का 114 का आंकड़ा घट कर 107 पर आ जाएगा। ऐसे में किसी भी सहयोगी दल ने आंखें दिखाईं या बीजू जनता दल(BJD) और YSR कांग्रेस का साथ अगर भाजपा को नहीं मिला तो राज्यसभा में किसी बिल को पास कराना उसके लिए टेढ़ी खीर साबित होगी।
पंजाब, उत्तराखंड और UP के चुनाव परिणाम भी भाजपा की स्थिति बदल सकते हैं
इसके अलावा 10 मार्च को पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव (Uttar Pradesh assembly Elections 2022) के परिणाम में भाजपा की सीटें अगर कम आईं तो राज्यसभा में पार्टी की स्थिति और भी कमज़ोर हो जाएगी, क्योंकि इन राज्यों में राज्यसभा की 19 सीटें हैं। यदि इन राज्यों में बीजेपी या एनडीए के विधायकों की संख्या में कमी हुई तो इसका सीधा असर राज्यसभा में भी दिखने लगेगा और राज्यसभा में विपक्ष एक बार फिर से मजबूत होकर सामने आएगा।
राज्यसभा से सुब्रमण्यम स्वामी होंगे विदा
भाजपा के वरिष्ठतम सांसदों में से एक इसके फायरब्रांड नेता सुब्रमण्यम स्वामी (Subramanyam Swami) का भी राज्य सभा का कार्यकाल 24 अप्रैल को खत्म हो रहा है। बीते दिनों में स्वामी जिस तरह से स्वयं की पार्टी की सरकार पर हमलावर रहे हैं, उसको देखते हुए लगता नहीं की भाजपा उन्हें राज्य सभा में एक और मौक़ा देना चाहेगी। स्वामी के इलावा जिन अन्य मनोनीत सदस्यों का कार्यकाल अप्रैल के अंतिम सप्ताह और मई के शुरुआत तक ख़तम होगा उनमे टीवी एक्टर रही रूपा गांगुली, खिलाड़ी मेरीकॉम, स्वप्न दास गुप्ता,सुरेश गोपी और संभाजी राजे के भी नाम उल्लेखनीय हैं।
कई केंद्रीय मंत्रियों का भी राजयसभा का कार्यकाल होगा पूरा
भाजपा के जिन अन्य दिग्गजों का कार्यकाल अप्रैल से अगस्त के बीच पूरा हो रहा है, उनमे केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman, पियूष गोयल (Piyush Goyal), मुख्तार अब्बास नक़वी (Mukhtar Abbas Naqvi), सुरेश प्रभु, के इलावा ओम प्रकाश माथुर, अलफोन्स, एमजे अकबर, सैयद ज़फर इस्लाम और उत्तर प्रदेश से ही शिव प्रताप शुक्ल का नाम शामिल है। इनमे से सीतारमण, पियूष गोयल और नक़वी सरीखे नेताओं का सदन में वापस जाना लगभग तय है, बाक़ी नेताओं की किस्मत उनका भविष्य तय करेगी।
राज्य सभा से सिब्बल और आनंद शर्मा की भी विदाई का है वक़्त
अगले कुछ माह में खाली हो रही राज्य सभा की सीटों में कांग्रेस (Congress Party) के भी कई दिग्गजों का नाम शामिल है इनमे पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम (P Chidambaram), आनंद शर्मा (Anand Sharma) , कपिल सिब्बल (Kapil Sibbal), एके एंटनी और अंबिका सोनी शामिल हैं। पंजाब से कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा का कार्यकाल भी खत्म हो रहा है। देखना दिलचस्प होगा की इनमे से किसी को कांग्रेस फिर से मौक़ा देती है या नहीं। वैसे सिब्बल और आनंद शर्मा को कांग्रेस द्वारा रिपीट करने की संभावना न के बराबर ही है।