“प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) भी मेरे पिता समान हैं, लेकिन अगर भाजपा ने कहा तब भी मैं अपने पिता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के खिलाफ प्रचार नहीं करुँगी,” ये कहना है बदायुं से भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्या (BJP MP Sanghmitra Maurya) का। संघमित्रा, स्वामी प्रसाद मौर्या की बेटी हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य उत्तर प्रदेश के कुशीनगर ज़िला की पडरौना सीट से विधायक हैं और योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। स्वामी प्रसाद ने कुछ दिनों पहले ही अपने मंत्री पद से इस्तीफा देकर अखिलेश की साइकिल पर सवार हुए थे। सपा ने मौर्या की अपनी सीट से ही उन्हें अपनी पार्टी का उम्मीदवार बनाया है।
एक निजी चैनल से बात करते हुए संघमित्रा ने कहा की वो अभी भी भाजपा में हैं और आगे भी रहेंगी। संघमित्रा ने कहा, ‘पुरे उत्तर प्रदेश में भाजपा का प्रचार मैं करुँगी, लेकिन पार्टी ने अगर मुझे पिता के खिलाफ चुनाव प्रचार के लिए कहा तो ये मैं नहीं करुँगी।’ उन्होंने कहा की ऊपर भाजपा छोड़ने का कोई दबाव नहीं है। पिता ने सपा में जाने की कोई भी चर्चा घर में पहले नहीं की थी। 2016 में मायावती (Mayawati) की बहुजन समाज पार्टी (BSP) छोड़ कर स्वामी प्रसाद मौर्य ने 2017 के उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव से पहले ही BJP में शामिल हो कर बाद में मंत्री बने थे।
संघमित्रा ने कहा की पारिवारिक और राजनीतिक जीवन अलग-अलग होते हैं. मैं पूरे प्रदेश में बीजेपी का प्रचार करूंगी, लेकिन पार्टी के कहने पर भी पिता के ख़िलाफ़ प्रचार के लिए नहीं जाउंगी। भाजपा सांसद ने कहा की मुझे भाजपा वालों को अपनी वफ़ादारी का Certificate देने की आवश्यकता नहीं है।
पिता के समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) में जाने के बाद संघमित्रा मौर्य ने अपने फेसबुक पोस्ट में पिता और पार्टी के बीच संतुलन बनाने की कोशिश करते हुए लिखा था कि वह पीएम मोदी के साथ हैं। ‘मैं कुछ मांगूं और पूरा न हो, ऐसे तो हालात नहीं, मैं पुकारूं और पापा न सुनें, इतने भी हम दूर नहीं.. पिता और बेटी का रिश्ता दुनिया का सबसे मजबूत रिश्ता है..” मैं देश के प्रधानमंत्री आदरणीय नरेंद्र मोदी जी के मुझे बेटी के रूप में मेरे पिता से मांगे हुए वचन से बंधी हुई हूं.’
7 चरणों में होने वाले उत्तर प्रदेश विधान सभा का पहला चरण 14 फरवरी को होगा जबकि अंतिम चरण का मतदान 7 मार्च को होगा और सभी नतीजे 10 मार्च को आ जायेंगे।