जल्द ही भाजपा सांसद और भोजपुरी एक्टर निरहुआ की एक फिल्म लांच होने वाली है। हाल ही में निरहुआ की इस फिल्म ” नाच बैजु नाच ” का ट्रेलर लॉन्च इवेंट किया गया, ट्रेलर लॉन्च कार्यक्रम में भाजपा के सांसद और भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार रवि किशन मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए। भाजपा सांसद और भोजपुरी के सुपरस्टार मनोज तिवारी भी इस इवेंट में उपस्थित रहे। वही फिल्म के अभिनेता निरहुआ और फिल्म के निर्देशक लाल विजय शाहदेव भी मंच पे मौजूद थे।
इस अवसर पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में रवि किशन ने कहा कि भोजपुरी फिल्म की छवि अभी चित्रहार जैसी है, जो की कुछ वैसे गाने और एल्बमों की वजह से भोजपुरी की छवि देश भर में सही नही है। हमे ये समझना चाहिए की भोजपुरी एल्बम एक अलग इंडस्ट्री है और भोजपुरी सिनेमा एक अलग इंडस्ट्री है। इस छवि को बदलने के लिए ये फिल्म बहुत जरूरी है। जो की एक सच्ची घटना पर आधारित है।
भाजपा सांसद रवि किशन ने कहा की इस फिल्म को मैं नेशनल अवार्ड की सूची में लेकर जाने की पूरी कोशिश करूंगा, और भोजपुरी भाषा को आठवीं अनुसूची में लाने के लिए मैं पूरी कोशिश कर रहा हुं।।।
नवनिर्वाचित भाजपा सांसद एवं भोजपुरी एक्टर निरहुआ ने कहा की जब फिल्म के निर्देशक लाल विजय शाहदेव ये फिल्म लेकर मेरे पास आए तो मैंने साफ मना कर दिया के नही सर हमसे ये फिल्म नही हो पाएगी। लौंडा नाच सोच कर मैं भी डर रहा था। तब विजय शाहदेव ने कहा की अगर आप ये फिल्म नही करोगे को तो मैं इस फिल्म को ही ड्राप कर दूंगा। फिर जब मैं पहली बार इस फिल्म की शूट पर गया तब मुझे समझ में आया की ये फिल्म सिर्फ एक लौंडा नाच की कहानी नही थी बल्कि ये फिल्म बहुत इमोशनल, सामाजिक और पारिवारिक फिल्म है जो की एक बहुत ही ज़रूरी विषय पर आधारित है।
जिस विधा से भिखारी ठाकुर ने बिहार की बड़ी बड़ी समस्याओं को दुनिया तक पहुंचाया, बताया और उस समस्याओं से निजात दिलाया, उस विधा पे ये फिल्म बना रहे है । जब मैं उस किरदार को जीने लगा तब मुझे लगा भिखारी ठाकुर जी की आत्मा मेरे अंदर आकर बैठ गई है, फिर मुझे समझ आया के विजय शाहदेव क्यों मुझे ये किरदार निभाने को कह रहे थे।
सांसद मनोज तिवारी ने ट्रेलर देख कर कहा की ये फिल्म निश्चित ही माथा घुमाने वाली फिल्म है। मनोज तिवारी ने निरहुआ के अभिनय की बहुत तारीफ की और कहा की बहुत जल्द एक भोजपुरी फिल्म फेस्टिवल आयोजित की जाएगी उन्होंने इस फिल्म को भोजपुरी फिल्म फेस्टिवल में दिखाने की बात भी कही।
निरहुआ अभिनीत “नाच बैजू नाच” फिल्म का सार ये है कि एक लड़का जब भी लौंडा (एक महिला के रूप में दर्शकों का मनोरंजन करने वाला पुरुष) नाच करता है तो हर आदमी ताली और सीटी बजाकर उसको प्रोत्साहित करता है और जब वह अपने मूल रूप में वापस आता है तो उसी समाज द्वारा उसका मजाक उड़ाया जाता है और उसे फटकार लगाई जाती है। क्या वह इस विरोधाभास को दूर करने और एक सुखी जीवन जीने में सक्षम है?