कोलकाता: चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल विधानसभा उपचुनाव की घोषणा कर दी है। इसी बीच बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। दरअसल भाजपा के विधायक सौमेन रॉय ने भाजपा का साथ छोड़कर तृणमूल कांग्रेस का हाथ पकड़ लिया है। पार्थ चटर्जी की उपस्थिति में सौमेन रॉय को तृणमूल कांग्रेस की सदस्यता दिलाई गई। इस दौरान पार्थ चटर्जी ने कहा कि मैं बतौर महासचिव अपने पूर्व सहयोगी को तृणमूल कांग्रेस में शामिल कराने के लिए मौजूद हुआ हूं।
टीएमसी ने ट्वीट करते हुए इस बारे में जानकारी दी हैं। पार्टी के आधिकारिक हैंडल से ट्वीट किया गया-‘आज श्री पार्थ चटर्जी की उपस्थिति में बंगाल भाजपा के विधायक श्री सौमेन रॉय तृणमूल परिवार में शामिल हुए। भाजपा के जनविरोधी रुख से असंतुष्ट उन्होंने ममता बनर्जी के साथ मजबूती से खड़े होने और उत्तर बंगाल के लोगों के लिए काम करने का फैसला किया है। हम उसका तहे दिल से स्वागत करते हैं।’ इस दौरान टीएमसी नेता पार्थ चटर्जी ने कहा कि कालियागंज से भाजपा विधायक सौमेन रॉय बंगाल के विकास के लिए हमारे साथ आए हैं। वे बंगाल की संस्कृति और विरासत को अक्षुण्ण रखना चाहते हैं। वहीं तृणमूल कांग्रेस का हिस्सा बनने के बाद सौमेन रॉय ने कहा कि मैं टीएमसीपी का छात्र था। हालांकि मैं भाजपा में शामिल हो गया था और चुनाव लड़कर जीता भी। लेकिन मेरा मन टीएमसी में ही लगा रहा। लोगों ने 213 सीटों पर आशीर्वाद दिया है। हमारे तृणमूल के नेता बंगाल और उत्तर बंगाल के विकास के लिए काफी मेहनत कर रहे हैं। सौमेन रॉय ने आगे कहा कि भाजपा में शामिल होना मेरी गलती थी। मैंने माफी मांग ली है। अभी कई लोग भाजपा से निकलकर टीएमसी के साथ आने के इंतेज़ार में है। वहीं पार्थ चटर्जी ने भवानीपुर सीट पर होने वाले चुनावों को लेकर कहा कि चुनाव लोकतंत्र का एक अंग है। भवानीपुर से चुनाव लड़ने के लिए ममता बनर्जी का नाम पहले ही बताया जा चुका था। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि ममता बनर्जी रिकॉर्ड अंतर के साथ चुनाव में विजयी होंगी। बता दें कि अभी कुछ देर पहले ही चुनाव आयोग ने बंगाल में उपचुनाव कराए जाने की घोषणा की है और इतनी देर में ही ममता बनर्जी के चुनावी पोस्टर लग गए हैं।
गौरतलब है कि चुनाव आयोग द्वारा पश्चिम बंगाल की भवानीपुर विधानसभा सीट पर 30 सितंबर को उपचुनाव कराए जाने की घोषणा कर दी गई है। बता दें कि इस सीट से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बतौर प्रत्याशी खड़ी होंगी। दरअसल पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नंदीग्राम से चुनाव लड़ा था लेकिन वे भाजपा के प्रत्याशी शुभेंदु अधिकारी से हार गई थीं। संवैधानिक आवश्यकता के मद्देनजर चुनाव आयोग ने अब विधानसभा चुनाव कराने का निर्णय लिया है। ऐसा इसलिए क्योंकि किसी भी मुख्यमंत्री को पद पर बने रहने के लिए उसका विधायक होना ज़रूरी है इसलिए पश्चिम बंगाल में उपचुनाव कराए जाने की घोषणा हो गई है।