भारतीय जनता पार्टी (BJP) के दिन लगता है आजकल ठीक नहीं चल रहे हैं, पार्टी को सबसे पहला और करारा झटका उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्या ने दिया। मंत्रिमंडल से मौर्या ने इस्तीफा क्या दिया, उसके बाद तो विधायकों के कल इस्तीफे की झड़ी सी लग गई। एक के बाद एक 4 विधायक अब तक भाजपा छोड़ चुके हैं। इसी कड़ी में आज कैबिनेट मंत्री दारा सिंह चौहान का भी नाम जुड़ गया, चौहान ने भी राजयपाल को अपना इस्तीफा भेज दिया। अनुमान लगाया जा रहा है की मौर्या और चौहान समेत सभी विधायक, सपा में शामिल होंगे।
विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, भाजपा से अभी कुछ और महत्वपूर्ण नेता बाहर आ सकते हैं, जिसमे सांसद, मंत्री और कुछ अन्य विधायक का नाम हो सकता है। भाजपा छोड़ने वाले इन सभी नेताओं का अखिलेश की साईकिल पर ही सवार होने की बात भी लगभग तय मानी जा रही है।
इस बीच बिहार में भाजपा की सहयोगी नितीश कुमार की जनता दल- यूनाइटेड (JDU) ने भी आखें तरेरना शुरू कर दिया है। दोनों दलों के बीच नया विवाद UP विधानसभा चुनाव को लेकर बताया जा रहा है, जिसमे भाजपा नितीश की पार्टी की सीटें तय नहीं की हैं।
JDU के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव तथा UP प्रभारी K C Tyagi ने भाजपा को दो टूक शब्दों में अल्टीमेटम देते हुए कहा है की एक से दो दिनों में पार्टी JDU को UP में दिए जाने वाली सीटों की संख्या बताये, अन्यथा ‘JDU अकेले भी उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ने के लिए तैयार है। त्यागी ने कहा कि BJP जल्द से जल्द सकारात्मक बात करें, वरना JDU अकेले ही चुनावी मैदान में उतरेगी।
माना जा रहा है की उत्तर प्रदेश में बीजेपी अपने सहयोगी निषाद पार्टी, अपना दल और JDU के साथ चुनावी मैदान में उतरने मन बना चुकी है। लेकिन चुनावों की तारीखों के बाद भी बीजेपी ने अभी तक सहयोगी दलों के साथ सीट बंटवारे को लेकर अपना रुख साफ़ नहीं किया है। जबकि इस दौरान बीजेपी-JDU के बड़े नेताओं के बीच कई राउंड की बातचीत हो चुकी है, फिर भी कोई नतीजा अभी तक सामने नहीं आया है। इसी कारण, अब सभी सहयोगी पार्टियों में बेचैनी व्याप्त हो रही है।
उत्तर प्रदेश में नितीश कुमार की पार्टी की खासी साख मानी जाती है, और उसी नाते पार्टी ने चुनावों में उतरने की अपनी तैयारी भी कर ली है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, लगभग 50 सीटों पर पार्टी अपने उम्मीदवार उतारने के लिए पूरी तरह से कमर कस चुकी है। जल्द ही अगर BJP ने गठबंधन की सीटें तय नहीं की तो इन सभी 50 सीटों पर जनता दल यूनाइटेड अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारेगी।
पहले भी नितीश की पार्टी उत्तर प्रदेश में चुनावी किस्मत आज़माती रही है। हालांकि अभी तक पार्टी को उत्तर प्रदेश में कोई सफलता नहीं मिल सकी है, लेकिन इसका वोट प्रतिशत ज़रूर बढ़ता रहा है, यही कारण है की पार्टी अब एक बार फिर से विधानसभा चुनावों में अपनी किस्मत आज़माना चाहती है।