नई दिल्ली: दिल्ली सरकार और भाजपा के बीच एक बार फिर DTC बसों की खरीद को लेकर बहस शुरू हो गई है। दिल्ली BJP ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए आम आदमी पार्टी पर घोटाले के गंभीर आरोप लगाए हैं। BJP नेता विजेंदर गुप्ता का आरोप है कि DTC बसों की खरीद पर आम आदमी पार्टी ने 3500 करोड़ रुपए का घोटाला किया है। इसके साथ ही उन्होंने इस मामले की सीबीआई जांच कराने की बात भी कही है। वहीं अपने ऊपर लगे आरोपों को लेकर आम आदमी पार्टी ने भी भाजपा को करारा जवाब दिया है।
भाजपा नेता विजेंदर गुप्ता ने कहा कि जब हमारे विधायकों ने डीटीसी बसों की खरीद को लेकर आम आदमी पार्टी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था तो उसे एलजी द्वारा गठित समिति ने क्लीन चिट दे दी थी। लेकिन उसमें ये भी कहा गया था कि डीटीसी बसों का टेंडर दोबारा होना चाहिए। कमेटी की रिपोर्ट ने ये कहा गया था कि इस टेंडर की शुरुआत दोबारा नए सिरे से की जाए। लेकिन आम आदमी पार्टी का कहना है कि उन्हें क्लीन चिट मिल गई थी। अगर उन्हें क्लीन चिट मिल ही गई थी तो पार्टी जवाब दे कि ये टेंडर अब दोबारा क्यों जा रहा है। BJP नेता ने आम आदमी पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने 3500 करोड़ रुपये का घोटाला किया है। पार्टी ने 850 करोड़ की बसें खरीदी और उनके मेंटेनेंस के लिए उन्हें 3500 करोड़ रुपये दिए जा रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि अगर हर महीने 30 करोड़ रुपये भी दिए जाएं तो भी कोई नई बस नहीं खरीदी जाती है और उसका मेंटेनेंस तो तीन साल तक कंपनी ही करती है। इसके साथ ही BJP ने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की और कहा कि डीटीसी बसों का टेंडर दोबारा किया जाना चाहिए। यही नहीं भाजपा ने दिल्ली परिवहन मंत्री के इस्तीफे की भी मांग की है।
भाजपा के इस प्रकार आरोप पर आम आदमी पार्टी भी चुप नहीं रही। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस संदर्भ में कहा कि आज वह बहुत आश्चर्यचकित हैं क्योंकि जो लोग भ्रष्टाचार के नाम पर ही सत्ता में आए आज उन्हें ही भ्रष्ट कहा जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले तीन महीनों से BJP ये झूठ फैला रही है कि दिल्ली सरकार ने डीटीसी बसों की खरीद में घोटाला किया है। जिसके बाद भाजपा के ही कहने पर केंद्र सरकार ने एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया। इस समिति ने बसों की खरीद से संबंधित लगभग 3000 दस्तावेज देखें हैं और सबकी जांच करने के बाद समिति ने यह परिणाम निकाला कि बसों की खरीद को लेकर दिल्ली सरकार ने कोई घोटाला नहीं किया और न ही किसी को नुकसान हो ऐसा कोई काम किया है। इसके विपरीत समिति ने यह स्वीकार किया कि अरविंद केजरीवाल की सरकार ईमानदारी से काम कर रही है।
मनीष सिसोदिया ने आगे कहा कि साल 2008 में दिल्ली में बसें नहीं खरीदी गई। साल 2015 में कोशिश की गई और काफी बाधाओं को दूर करके अरविंद केजरीवाल ने यह टेंडर पास कराया। अब दिल्ली के लोगों को बसें मिलेंगी। BJP को ऐसे आरोप लगाते हुए शर्म आनी चाहिए।