रायपुर: छत्तीसगढ़ कांग्रेस में चल रहे विवाद को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ बैठक की। कांग्रेस आलाकमान दोनों नेताओं के बीच चल रहे घमासान को शांत कराने की कोशिश में जुटी है। इसके बावजूद भी ये घमासान थमता नज़र नहीं आ रहा। राहुल गांधी के साथ हुई मीटिंग के बाद भी सिंहदेव की नाराजगी बनी हुई है।
छत्तीसगढ़ में ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले को लेकर जारी घमासान के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और सिंहदेव ने राहुल गांधी से मुलाकात की थी। ये बैठक तीन घंटे चली और इसके बाद कांग्रेस ने सबकुछ ठीक रहने का दिखावा किया था। वहीं प्रदेश प्रभारी पी.एल पुनिया ने इस बैठक को लेकर जानकारी देते हुए कहा कि बैठक के दौरान नेतृत्व परिवर्तन को लेकर कोई बात नहीं हुई। इस बैठक में राज्य के सभी संभागों में विकास के मुद्दे पर ही चर्चा हुई। जबकि पार्टी सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी के साथ हुई ये बैठक मुख्य रूप से नेतृत्व परिवर्तन को लेकर ही हुई थी। वहीं इस बारे में बताते हुए पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि फिलहाल पार्टी कई विकल्पों पर विचार कर रही है लेकिन पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ही इसपर आखिर निर्णय लेंगी। बता दें कि छत्तीसगढ़ में सरकार बनने के बाद से ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव के बीच विवाद चल रहा है। 17 जून को ही भूपेश बघेल ने अपने नेतृत्व के ढाई साल पूरे कर लिए हैं और अब सिंहदेव के समर्थक अगले ढाई साल के लिए उन्हें मुख्यमंत्री की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि सिंहदेव से ये वादा किया गया था कि उन्हें ढाई साल बाद मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। वहीं पार्टी के कई ऐसे नेता जो सिंहदेव के करीबी हैं उनका कहना है कि अगर सिंहदेव को मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाता है तो वे बघेल सरकार से अलग हो जाएंगे। पार्टी नेतृत्व इस मामले का फैसला करे।
बता दें कि जब पार्टी के विधायक बृहस्पति सिंह ने सिंहदेव पर हत्या का आरोप लगाया था तब से ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और सिंहदेव के बीच का तनाव बढ़ गया है। दरअसल बृहस्पति सिंह का सिंहदेव पर आरोप था कि वे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को जान से मारकर खुद मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। हालांकि कुछ समय बाद उन्होंने अपने आरोप वापस ले लिए थे। मालूम हो कि बृहस्पति सिंह को बघेल का करीबी माना जाता है।