गांधीनगर: गुजरात के नवनियुक्त मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने आज दोपहर बाद दो बज कर 20 मिनट पर राज्य के 17 वें मुख्यमंत्री के तौर पर पद और गोपनीयता की शपथ ली। राजभवन में आयोजित समारोह में राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने उन्हें गुजराती भाषा में शपथ दिलायी। उन्होंने अकेले ही शपथ ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा शासित चार राज्यों के मुख्यमंत्री ; कर्नाटक के बासवराज बोम्मई, मध्य प्रदेश के शिवराज चौहान, गोवा के प्रमोद सावंत तथा हरियाणा के मनोहरलाल खट्टर इस अवसर पर उपस्थित थे। इनके अलावा अन्य केंद्रीय मंत्रियों सर्व मनसुख मांडविया, परशोत्तम रूपाला, भूपेन्द्र यादव, नरेंद्र तोमर, दर्शना बेन जरदोश समेत भाजपा के कई अन्य केंद्रीय नेता, प्रदेश के विधायक, सांसद, पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, पूर्व उपमुख्यमंत्री नीतिन पटेल (जो कल शाम राजभवन नहीं आए थे और इसके चलते उनके नाराज़गी की अटकलें थी), सत्तारूढ़ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सी आर पाटिल भी मौजूद थे। पटेल ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले नितिन पटेल के घर जाकर उनका आशीर्वाद लिया था।
‘दादा’ के उपनाम से मशहूर पटेल ने कल शाम राजभवन जाकर राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश किया था। इस मौक़े पर केंद्रीय निरीक्षक नरेंद्र सिंह तोमर और प्रह्लाद जोशी (दोनो केंद्रीय मंत्री) तथा पार्टी के केंद्रीय महामंत्री तरुण चुघ, प्रदेश प्रमुख सी आर पाटिल और प्रदेश प्रभारी भूपेन्द्र यादव, पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और कई पूर्व मंत्री मौजूद थे।
सत्तारूढ़ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सी आर पाटिल ने बताया कि पार्टी संगठन के साथ चर्चा के बाद उसके अगले एक-दो दिन में मंत्रियों के नामों की घोषणा होगी। उन्होंने कहा कि अभी उपमुख्यमंत्री पद के लिए कोई चर्चा नहीं हुई है। बताया जाता है कि शपथ समारोह से पहले शाह ने एक बैठक की थी जिसमें मंत्रियों के बारे में चर्चा हुई। ज्ञातव्य है कि गुजरात में पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के अचानक इस्तीफ़ा देने के एक दिन बाद कल ज़बरदस्त राजनीतिक गहमागहमी और अटकलबाजियों के बीच भूपेन्द्र रजनीकांत पटेल को उनका उत्तराधिकारी चुन लिया गया।
पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के क़रीबी 59 वर्षीय पटेल वर्ष 2017 के पिछले चुनाव में ही पहली बार विधायक चुने गए थे। वह आनंदीबेन पटेल के विधानसभा क्षेत्र अहमदाबाद के घाटलोडिया से एक लाख से अधिक वोटों से जीते थे। घाटलोडिया पटेल के स्वजातीय पाटीदार समुदाय की बहुलता वाला विधानसभा क्षेत्र है। वह मूल रूप से अहमदाबाद के ही रहने वाले है।
उनके नाम की घोषणा से एक बार फिर भाजपा का सबको चौकाने वाला निर्णय सामने आया है। हालांकि पूर्व की अटकलों के अनुरूप पटेल पाटीदार समुदाय से ही आते हैं पर उनके नाम की दूर-दूर तक कोई चर्चा नहीं थी। भाजपा विधायक दल की बैठक में रूपाणी ने भूपेन्द्र पटेल के रूप में एकमात्र नाम का प्रस्ताव किया जिसका अनुमोदन पूर्व उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल समेत अन्य विधायकों ने किया। उन्हें सर्वसम्मति से चुन लिया गया। पेशे से बिल्डर रहे पटेल उस सरदारधाम ट्रस्ट के ट्रस्टी भी हैं जिसके भवन का उद्घाटन अहमदाबाद में ऑनलाइन परसों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। उसी कार्यक्रम के बाद रूपाणी ने अचानक इस्तीफ़ा दे दिया था। अहमदाबाद अर्बन डिवेलप्मेंट अथॉरिटी के प्रमुख रहे पटेल कार्यकाल के हिसाब से गुजरात के 22 वें तथा चेहरे के लिहाज़ से 17 वें मुख्यमंत्री बन गए हैं।