नई दिल्ली: आज से भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा शुरू हो गई है। इस अवसर पर जगन्नाथ और अहमदाबाद में रथयात्रा निकाली जा रही है। बता दें कि कोरोना महामारी के कारण दूसरी बार बिना श्रद्धालुओं के भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकली जा रही है। जबकि आम दिनों में इस पावन अवसर पर जगन्नाथ पुरी में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ जाती है। लेकिन कोरोना महामारी के मद्देनजर जगन्नाथ मंदिर से तीन किलोमीटर दूर गुंडीचा मंदिर तक कर्फ्यू लगा है।
वहीं गुजरात के अहमदाबाद में भगवान जगन्नाथ की आज 144वीं रथ यात्रा शुरू हो चुकी है। लेकिन कोरोना महामारी के कारण यात्रा मार्ग पर कर्फ्यू लगा है जिस कारण लोगों की भीड़ नहीं है और इसलिए हमेशा की तरह उत्साह भी नज़र नहीं आ रहा। जहां हर साल लगभग 100 ट्रक, हाथियों का झुंड, अखाड़े और गायन मंडलियां इस यात्रा का हिस्सा बनती हैं वहीं इस बार की यात्रा में केवल तीन रथ और चार-पांच वाहन ही शामिल है। इन रथों को खलासी समुदाय के करीब 100 युवा खींच रहे हैं।
भगवान जगन्नाथ की यात्रा के इस शुभ अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए देशवासियों को शुभकामनाएं दी। पीएम मोदी ने ट्वीट किया-‘रथ यात्रा के विशेष अवसर पर सभी को बधाई। हम भगवान जगन्नाथ को नमन करते हैं और प्रार्थना करते हैं कि उनका आशीर्वाद सभी के जीवन में अच्छा स्वास्थ्य और समृद्धि लाए। जय जगन्नाथ!’ वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने भी ट्वीट करते हुए इस बात की जानकारी दी कि वे हर साल की तरह इस साल भी अहमदाबाद की मंगला आरती में भाग लेने पहुंचे हैं। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा-‘जगन्नाथ रथयात्रा के शुभ अवसर पर मैं अहमदाबाद के जगन्नाथ मंदिर में कई वर्षों से मंगला आरती में भाग लेता आ रहा हूँ और हर बार यहाँ एक अलग ऊर्जा की प्राप्ति होती है। आज भी महाप्रभु की आराधना करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। महाप्रभु जगन्नाथ सभी पर सदैव अपनी कृपा व आशीष बनायें रखें।’
इसके अतिरिक्त गुजरात के गृहमंत्री प्रदीप सिंह जडेजा ने बताया कि रथयात्रा के दौरान देवी-देवताओं के दर्शन के लिए पहुंचने वाली भीड़ को रोकने के लिए 19 किलोमीटर के मार्ग तक सुबह से दोपहर तक कर्फ्यू लगा है। सुबह सात बजे ही गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी और उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल द्वारा भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के रथों की यात्रा निकाली गई। यह यात्रा जमालपुर में स्थित 4 साल पुराने जगन्नाथ मंदिर से ‘पाहिंद विधि’ संपन्न करते हुए शुरू हुई। पाहिंद विधि रथों का रास्ता साफ करने की एक प्रतीकात्मक रस्म है। पुलिस की माने तो रथयात्रा सांप्रदायिक तौर पर संवेदनशील इलाकों से भी होकर गुजरती है। किसी भी प्रकार की घटना न हो इसलिए करीब 23 हज़ार सशस्त्र कर्मियों की तैनाती की गई है।