लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। आगामी चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसी बीच स्वतंत्रता दिवस के खास मौके पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने देश को एक संदेश दिया और इसी दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश में चुनाव जीतने के लिए पार्टी को नया नारा देते हुए अपनी चुनावी रणनीति भी बताई। अखिलेश यादव ने सपा को ‘नई हवा, नई सपा, बड़ों का हाथ, युवा का साथ’ नया नारा दिया। यही नहीं उन्होंने संपर्क, संवाद, सहयोग, सहायता के संकल्प के साथ पार्टी कार्यकर्ताओं से चुनाव में जुटने की अपील भी की। फिलहाल सवाल तो ये है कि क्या सपा अपने नए नारे और मंत्र के साथ यूपी में सत्ता बना पाएगी?
दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले के प्राचीर से देश को एक नया नारा दिया। उन्होंने अपने पुराने नारे ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ में ‘सबका प्रयास’ भी जोड़ दिया। इसके बाद अखिलेश यादव ने ‘सब आएं, सबको स्थान, सबको सम्मान’ का नारा देते हुए सभी को पार्टी में आने का आमंत्रण दिया। बता दें कि साल 2022 का उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव सपा के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अखिलेश यादव चुनाव जीतने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में वे छोटे-छोटे दलों से हाथ मिला रहे हैं और जातीय समीकरण सुधारने में जुटे हुए हैं। इसी कड़ी में उन्होंने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ये ऐलान कर दिया कि उन्होंने घर-घर जाकर सपा सरकार की उपलब्धियों और योगी सरकार की खामियों को पहुंचाने की रणनीति बनाई है। अखिलेश यादव ने इस दौरान कहा कि समाज का हर वर्ग बेरोजगारी, बढ़ती महंगाई और घटती कमाई से परेशान है और ऐसी परिस्थितियों में जनता बदलाव चाहती है। कोरोना के कारण लाखों लोगों का घर-संसार उजड़ गया। किसान, व्यापारी, नौजवान और सरकारी कर्मचारी सबका हाल एक जैसा ही है। इसलिए अब सपा इनका दुख बांटने का अभियान शुरू कर रही है जिसका मूल मंत्र है-‘संपर्क, संवाद, सहयोग और सहायता।’ इस मंत्र से यह स्पष्ट है कि सपा लोगों से मिलकर और उनकी मदद करते हुए लोगों तक पहुंचेगी और यूपी की सत्ता में सपा की वापसी के लिए अपने द्वार खोलेगी। अखिलेश यादव ने लोगों से ‘बाइस में बाइसिकल’ मिशन को पूरा करने में मदद करने की अपील की। उन्होंने पार्टी को एक नया नारा देते हुए कहा-‘नई हवा है, नई सपा है, बड़ों का हाथ, युवाओं का साथ।’
सपा प्रमुख ने आगे कहा कि नए युग में अब सरकार के स्वरूप को भी बदलने की ज़रूरत है। सरकार को शासक की तरह नहीं बल्कि जनता के सर्विस प्रोवाइडर के रूप में संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि समाज में बंटवारे की राजनीति की जा रही है और हम इसके विरुद्ध आजीवन संघर्ष करते रहेंगे। उन्होंने वर्तमान सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि आज की सत्ता दमनकारी है। सरकार ने लोगों का जीना दूभर कर दिया है। सत्ताधारी पार्टी ने अपना कोई वादा नहीं निभाया। सरकार सीमाओं पर सही से काम नहीं कर रही और भाजपा सिर्फ जातियों में उलझाकर पुरानी बातों में लोगों को फंसाना चाहती है।