समाजवादी पार्टी (Samjwadi Pary) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य मंत्री, अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने आज उत्तर प्रदेश के मैनपुरी ज़िला की करहल विधान सभा सीट से अपना पर्चा दाखिल किया है। काफी सोंच विचार के बाद अखिलेश ने अपने लिए करहल सीट का चुनाव किया है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव पहली बार विधान सभा का चुनाव लड़ रहे हैं।
अखिलेश (Akhilesh Yadav) पूरी पार्टी का चुनाव प्रचार देख रहे हैं, इसलिए उन्हें ऐसी सीट की दरकार थी जहाँ उन्हें ज़्यादा परिश्रम न करना पड़े। मैनपुरी अखिलेश परिवार का गढ़ माना जाता है, यही वजह है की अखिलेश ने मैनपुरी जिला के अंतर्गत आने वाली करहल सीट पर अपनी किस्मत आज़माने का फैसला किया।
अब खबर है की भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janata Party) अखिलेश (Akhilesh Yadav) को टक्कर देने के लिए अपर्णा यादव (Aparna Yadav) को करहल से अपना उम्मीदवार बना सकती है। अखिलेश की दूर की भाभी अपर्णा यादव का असल नाम अपर्णा गुप्ता बिष्ट है, वो मुलायम सिंह यादव (Mulaym Singh Yadav) की दूसरी पत्नी के पहले पति से जन्मे प्रतिक गुप्ता बिष्ट की पत्नी हैं। जब मुलायम ने प्रतिक की माँ से शादी रचाई तो प्रतिक ने अपने पिता का सर नेम गुप्ता हटा कर यादव रख लिया और इसी नाते अपर्णा मुलायम की बहु कहलाने लगी।
बीते साल दिसंबर में अपर्णा ने भाजपा का दामन थमा है। उनके भाजपा में आने के बाद पार्टी ने ये संदेश देने की कोशिश की थी कि मुलायम परिवार में फूट है। लेकिन सूत्र बताते हैं की भाजपा इसी कड़ी में उन्हें अखिलेश के सामने खड़ा करना चाहती है। वह पिछली विधान सभा सपा के प्रत्याशी के तौर पर लखनऊ कैंट से लड़ चुकी हैं और उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इस बार भी वो लखनऊ कैंट की सीट ही मांग रही हैं। अब अपर्णा यादव ने भी संकेत दिए हैं कि पार्टी जो फैसला करेगी, वे मानने के लिए तैयार हैं।
चुनावी दांव पेच में नेताओं के पाला बदलने से राजनीतिक माहौल बनता, बिगड़ता है। बीजेपी इस काम में में माहिर पार्टी मानी जाती है। मुलायम परिवार की बहू अपर्णा का भाजपा ज्वाइन करने का फैसला को भी इसी नज़रिये से देखा जा रहा है। अब देखना दिलचस्प होगा की अखिलेश का सामना अगर अपने परिवार की अपर्णा से होता है तो करहल विधान सभा की तस्वीर कितनी दिलचस्प होगी।
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