भोपाल: पिछले कई दिनों से मध्य प्रदेश में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल चल रही है। इन सभी डॉक्टरों की मांग है कि इनका वेतन बढ़ाया जाए और अपने साथ अपने परिवार के लिए कोरोना उपचार में इन्हें प्राथमिकता दी जाए। मध्य प्रदेश में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल को अब दिल्ली के एम्स और सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टरों का समर्थन मिला है। डॉक्टरों ने जूनियर डॉक्टरों की मांग को उचित बताया है।
दिल्ली एम्स और सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टरों का मानना है कि मध्यप्रदेश में हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों की मांग बिल्कुल उचित हैं। दोनों अस्पतालों के डॉक्टरों ने जूनियर डॉक्टरों की मांग का समर्थन करते हुए रविवार शाम कैंडल मार्च निकाला। इसके साथ ही डॉक्टरों ने सड़क पर न्याय की मांग करते हुए नारेबाज़ी भी की। डॉक्टरों ने कहा कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को जल्द से जल्द हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों से मिलना चाहिए और उनकी समस्या का समाधान करना चाहिए।
फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) के प्रतिनिधियों ने कहा की वे मध्य प्रदेश की सरकार के अत्याचारों और बेरुखी से बहुत नाराज हैं। रेजिडेंट डॉक्टरों की मांग उचित है जिसके लिए वे विरोध कर रहे हैं। लेकिन प्रशासन ने इसे नकार दिया है और इस तरह वह हज़ारों डॉक्टरों का करियर बर्बाद करने जा रहा है। उन्होंने आगे कहा-‘हमारी स्वास्थ्य प्रणाली वैसे भी जर्जर है और मैनपावर में किसी भी तरह की कमी इस पर प्रभाव डालेगी।’ मालूम हो कि FORDA के प्रतिनिधियों ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा से भी इस विषय पर चर्चा करते हुए मध्य प्रदेश के जूनियर डॉक्टरों की समस्याओं की ओर ध्यान दिलाया।
बता दें कि AIIMS और सफदरजंग के प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों ने मांग की है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हड़ताल पर बैठे जूनियर डॉक्टरों से मिलकर 24 घन्टों के अंदर उनकी समस्याओं का हल निकाले वरना देशव्यापी आंदोलन छिड़ सकता है।