नई दिल्ली: मोदी सरकार को देश में आज सात साल पूरे हो गए हैं। लेकिन भाजपा ने कोरोना महामारी के मद्देनजर इस बार किसी प्रकार का बड़ा कार्यक्रम न आयोजित करने का फैसला लिया है। केंद्र सरकार के सात साल पूरे होने के अवसर पर भाजपा कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर लोगों की सेवा करेंगे। बता दें कि भाजपा के निर्देशानुसार भाजपा के कार्यकर्ता देश के लगभग 1 लाख गांव तक पहुंच कर लोगों की सेवा करेंगे।
पिछले साल भी कोरोना महामारी के कारण मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की पहली वर्षगांठ को भाजपा ने सादगी से मनाया था। इस बार भाजपा ने अपने कार्यकर्ताओं को गांव-गांव जाकर उन लोगों की सेवा करने का निर्देश दिया है जिन्होंने इस महामारी के दौरान अपने परिजनों को खो दिया। इसके तहत उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 23 हज़ार ऐसे गांवों की सूची बनाई है जहां सांसद, विधायक और अन्य अधिकारी जाकर लोगों की सेवा करेंगे। पिछली बार सभी केंद्रीय मंत्रियों के साथ भाजपा ने ऑनलाइन सभा का आयोजन किया था। इसके साथ ही जनता को मोदी सरकार की उपलब्धियों से अवगत कराया था। हालांकि इस वर्ष कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच मोदी सरकार की खूब आलोचना हो रही है। विपक्ष का कहना है कि मोदी सरकार कोरोना की दूसरी लहर से लड़ने में नाकाम रही है और राहुल गांधी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि प्रधानमंत्री की असफलता के कारण ही देश दूसरी लहर से जूझ रहा है। कोरोना से हो रही असंख्य मौतों की वजह स्वयं देश के प्रधानमंत्री हैं क्योंकि मोदी सरकार लोगों को पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं दे पाने में असमर्थ रही।
मोदी सरकार के सात साल पूरे होने पर केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। जिसके तहत केंद्र सरकार कोरोना वायरस के कारण अनाथ हुए बच्चों को 10 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता देगी। कुछ समय पहले केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने जानकारी दी थी कि एक अप्रैल से 25 मई तक लगभग 577 बच्चों ने कोरोना महामारी के कारण अपने माँ-बाप को खो दिया है। बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा की गई घोषणा के अनुसार अनाथ हुए बच्चों के 18 वर्ष की आयु होने पर उन्हें मासिक वित्तीय सहायता मिलेगी और 23 वर्ष की आयु पूरी होने और पीएम केयर्स फंड से 10 लाख की राशि मिलेगी।
इसके अतिरिक्त प्रधानमंत्री ने कोरोना से जान गंवाने वालों के आश्रितों को भी पेंशन देने की घोषणा की है। घोषणा के अनुसार आश्रितों के लिए मुआवजे के साथ पेंशन सुनिश्चित किया जाएगा ताकि परिवार सम्मानपूर्वक जीवन जी सकें। बता दें कि पेंशन की राशि पारिश्रमिक का 90 प्रतिशत होगा जिसे 24 मार्च 2020 से लागू माना जायेगा और सभी मामलों के संदर्भ में ये सुविधा दो साल यानी 24 मार्च 2022 तक उपलब्ध रहेगी।