पटना: बिहार में कई दिनों से लगातार हो रही बारिश ने नदियों का जलस्तर बढ़ा दिया है। यहां तक कि राज्य के कुछ जिलों में बाढ़ जैसे हालात हो गए है। मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, चंपारण और खगड़िया समेत 11 जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। वहीं दरभंगा के अतिहार गांव में बाढ़ के पानी के कारण उप स्वास्थ्य केंद्र ढह गया है। लगातार हो रही बारिश से परेशान लोग बाढ़ का अंदाज़ा लगाते हुए अपने बचाव के लिए ऊंचे स्थानों पर जाने लगे हैं।
दरअसल राज्य में हो रही बारिश से कोसी और गंडक नदी का जलस्तर तेज़ी से बढ़ रहा है और ऐसे में कई गांवों में नदियों का पानी भरता जा रहा है। बिहार के मोतिहारी में भी बाढ़ का प्रकोप जारी है। नदी में कटान के कारण सुगौली में नदी किनारे बसे घर पानी मे बह गए है। वहीं मधुबनी में भारी बारिश ने कमला नदी में उफान ला दिया है। लोगों के घर पानी में डूब चुके हैं। इसके साथ ही बागमती, कमला, गंडक और महानन्दा नदियों का जलस्तर भी तेज़ी से बढ़ रहा है। एक तरफ बागमती और कमला नदी में उफान आया हुआ है तो दूसरी तरफ गंडक नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण गोपालगंज, सारण और पश्चिमी चंपारण में हालात बदतर होते जा रहे हैं। इसके अलावा खिरोई, लालबकेया और अधवारा समूह की नदियां भी खतरे के निशान से ऊपर बहने लगीं हैं।
मोतिहारी के साथ-साथ उससे सटे बंजरिया के क्षेत्र में भी बाढ़ का कहर बरपा हुआ है। इस इलाके में हर साल मानसून में ऐसी स्थिति बन जाती है। लोग हर साल घर बसाते हैं और हर साल उनका सब कुछ बाढ़ में बह जाता है। लेकिन इस बार आई बाढ़ का प्रभाव तटबंधों पर भी हो रहा है। लोगों के घरों के साथ-साथ रास्ते भी कहीं गुम हो चुके हैं। कई गांव तो अब तक जिला मुख्यालय से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं। बता दें कि दुधौरा, बंगरी और तिलावे नदी पर बांध के टूट जाने के कारण तबाही अधिक बढ़ गई है। नदी का पानी तेज़ी से क्षेत्रों में घुस रहा है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने एसडीआरएफ की टीम को राहत और बचाव कार्य के लिए तैनात कर दिया है।